वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), 1860 के सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम XXI के अन्तर्गत 12 मार्च, 1942 को पंजीकृत सोसाइटी है जिसका मुख्यालय अनुसंधान भवन, 2 रफी अहमद किदवई मार्ग, नई दिल्ली – 110 001 पर है। भारत के प्रधानमंत्री सीएसआईआर के अध्यक्ष तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री इसके उपाध्यक्ष होते हैं। सोसाइटी के वर्तमान अध्यक्ष भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा उपाध्यक्ष माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह हैं। सीएसआईआर के महानिदेशक सीएसआईआर के प्रमुख कार्यपालक हैं। सीएसआईआर के वर्तमान महानिदेशक डॉ शेखर सी. माण्डे हैं। सीएसआईआर के महानिदेशक सीएसआईआर शासी निकाय के अध्यक्ष भी होते हैं। वर्तमान में सीएसआईआर नई दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय सहित देशभर में फैली 38 राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं/संस्थानों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा में समर्पित है। राजस्थान के झुंझुनूँ जिले के पिलानी नगर में स्थित सीएसआईआर-सीरी भी सीएसआईआर की राष्ट्रीय प्रयोगशाला है।
सीएसआईआर की घटक प्रयोगशाला केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान(सीरी), पिलानी, की स्थापना का बीजारोपण वर्ष 1950 में उस समय हुआ जब सीएसआइआर के प्रणेता डॉ. शांतिस्वरूप भटनागर ने देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री जी डी बिरला से इलेक्ट्रॉनिकी शोध को समर्पित शोध व विकास संस्थान की स्थापना के लिए आर्थिक सहायता के लिए संपर्क किया। श्री जी डी बिरला की दूरदर्शिता तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रयासों से सीएसआईआर की राष्ट्रीय प्रयोगशाला सीएसआईआर-सीरी की स्थापना हेतु 21 सितंबर 1953 को पं. जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा पिलानी में आधारशिला रखी गई। तत्पश्चात डॉ होमी जहाँगीर भाभा की अध्यक्षता में गठित इलेक्ट्रॉनिक समिति ने देश की औद्योगिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में शोध व विकास के लिए सीरी को एक प्रमुख शोध संस्थान के रूप में विकसित करना आरंभ किया। देश में इलेक्ट्रॉनिकी के क्षेत्र में शोध व विकास को गति प्रदान करने और देश के उद्योगों को संबल प्रदान करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की गई थी।
वर्तमान में डॉ पी सी पंचारिया 14 जुलाई 2020 से सीएसआईआर-सीरी के निदेशक हैं। सीएसआईआर-सीरी ने साइबर भौतिक प्रणालियों, सूक्ष्म तरंग युक्तियों और स्मार्ट सेन्सर्स के क्षेत्र में शोध एवं विकास को आगे बढ़ाने व इसके संवर्द्धन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्थान में उत्कृष्ट एवं नवीनतम शोध व विकास सुविधाएँ उपलब्ध हैं और इलेक्ट्रॉनिकी के तीनों शोध क्षेत्रों में अधुनातन (स्टेट-ऑफ-द-आर्ट) अनुसंधान कार्य के लिए समर्पित वैज्ञानिक व तकनीकी जनशक्ति है। भारत को इलेक्ट्रॉनिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्थापित यह राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान सामाजिक हितों के लिए देश में ज्ञान-विज्ञान तथा प्रौद्योगिकियों का एक प्रमुख स्रोत है तथा इस दिशा में सदा अग्रणी रहने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
यह संस्थान 72 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में स्थापित है जिसमें प्रयोगशाला और आवासीय परिसर सम्मिलित हैं। संस्थान में नियमित कर्मचारियों के अलावा परियोजना कर्मी तथा शोध-छात्र हैं। संस्थान परिसर सभी मानवीय सुविधाओं से परिपूर्ण व सुसज्जित है। यह संस्थान न केवल उच्च स्तरीय शोध कार्यकमों से अपितु अपनी शैक्षणिक गतिविधियों से भी अपना महत्पूर्ण योगदान दे रहा है। संस्थान में वैज्ञानिक तथा नवोन्मेषी अनुसंधान अकादमी (एसीएसआईआर) के अधीन प्रगत अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी (एडवांस्ड सेमिकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिकी) प्रगत इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियाँ (एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स) तथा उच्च शक्ति सूक्ष्म तरंग युक्तियाँ तथा प्रणाली अभियांत्रिकी (हाई पावर माइक्रोवेव डिवाइसेज़ एंड सिस्टम्स इंजीनियरिंग) क्षेत्रों में स्नातकोत्तर (एम टेक) एवं पी एच डी अनुसंधान पाठ्यक्रम चला रहा है।
विगत छ: दशकों से इलेक्ट्रॉनिकी शोध क्षेत्र में देश को समर्पित इस संस्थान ने अनेक उपलब्धियाँ अर्जित की हैं जिनके लिए संस्थान को समय-समय पर प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत किया गया है। बदलते समय में राष्ट्र की प्राथमिकताओं व देश की औद्योगिक नीति के अनुसार अपने शोध कार्यों में निरंतर बदलाव लाते हुए सीएसआईआर-सीरी ने अपने अथक प्रयासों से इलेक्ट्रॉनिकी अनुसंधान के क्षेत्र में न केवल नई प्रौद्योगिकियों पर शोध आरंभ किया है अपितु देश के उद्योग जगत व जनमानस को विदेशी प्रौद्योगिकी आयात पर निर्भरता कम करने के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया है। इस संस्थान ने पूर्व में अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं तथा भविष्य में भी यह अपनी शोध-पताका लहराने के लिए कृतसंकल्प है।