
डॉ. पी. सी. पंचारिया ने दिनांक 14 जुलाई, 2020 (पूर्वाह्न) को सीएसआईआर-केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीरी) के निदेशक का पदभार ग्रहण किया। सीरी में पदभार ग्रहण करने से पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ पंचारिया संस्थान के जयपुर केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक थे तथा संस्थान के सिग्नल एनालिटिक्स समूह के प्रमुख भी थे। आप अकैडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च में प्रोफेसर भी हैं। आप संस्थान में इंटेलिजेन्ट मेज़रमेन्ट सिस्टम्स के क्षेत्र में शोध व विकास संबंधी गतिविधियों से जुड़े रहे हैं।
संक्षिप्त परिचय एवं शैक्षिक योग्यता
आपने इलेक्ट्रॉनिक्स में विशेषज्ञता के साथ भौतिक शास्त्र में एम एस सी की। इसके बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से इंस्ट्रुमेन्टेशन इंजीनियरिंग विज्ञान में एम. एस. तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर और इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन, ब्रेमेन विश्वविद्यालय, जर्मनी से पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त की। पीएचडी में आपके शोध का विषय था – आर्टिफीशियल इंटेलिजेंट सिस्टम मॉडलिंग एंड आइडेंटिफिकेशन।
विशेषज्ञता एवं शोध अनुभव
आप इलेक्ट्रॉनिक्स और इंटेलिजेन्ट सिस्टम्स के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। खाद्य एवं अन्य कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए नवीन तकनीकों का विकास तथा मशीन लर्निंग एवं कीमोमीट्रिक्स डॉ पंचारिया के शोध रुचि के क्षेत्र हैं। इनमें सेंसर्स एवं सिग्नल कंडीशनिंग, मेज़रमेन्ट सिस्टम्स, प्रॉसेस ऑटोमेशन, संचार प्रणालियाँ शामिल हैं जिनका अनुप्रयोग डेयरी, खाद्य, चाय उत्पादन, चीनी उत्पादन, मशरूम की पैदावार संबंधी उद्योगों तथा कोयले की खादानों में है। आप चाय और डेयरी उद्योगों की अनेक शोध और विकास परियोजनाओं से जुड़े रहे हैं और आपने इनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आपको इंस्ट्रुमेन्ट डिजाइन एवं विकास कार्यों में 26 वर्षों का सुदीर्घ एवं सक्रिय अनुभव प्राप्त है। आपने संस्थान में 31 अगस्त 1994 को वैज्ञानिक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। आप वर्ष 2016 से मुख्य वैज्ञानिक के पद पर सेवारत हैं। आपने 4 पीएचडी का मार्गदर्शन किया है और वर्तमान में 6 पीएचडी छात्र आपके मार्गदर्शन में शोधरत हैं। इसके अलावा आपने अनेक स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया है। उच्च स्तरीय व प्रतिष्ठित शोध जर्नलों एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में आपके अनेक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। आपके नाम 7 पेटेन्ट दर्ज हैं तथा आपको एक कॉपीराइट का श्रेय भी प्राप्त है।
आपकी प्रमुख शोध एवं विकास उपलब्धियों में भारतीय डेयरी उद्योगों के लिए विकसित दूध में मिलावट का पता लगाने वाले उपकरणों में क्षीर स्कैनर, क्षीर टेस्टर तथा दूध में मौजूद पोषक तत्वों का पता लगाने के लिए विकसित दुग्ध वसा टेस्टर और क्षीर एनालाइज़र प्रमुख हैं। इन प्रौद्योगिकियों को सफलतापूर्वक उद्योगों को हस्तांतरित किया जा चुका है। डॉ पंचारिया द्वारा विकसित क्षीर स्कैनर वाणिज्यिक विपणन के लिए उपलब्ध है और अब तक 1000 से अधिक डेयरियों में इनका संस्थापन किया जा चुका है।
भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने सीएसआईआर स्थापना दिवस 2017 के उपलक्ष्य में विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में डॉ. पंचारिया द्वारा विकसित हैंड हेल्ड क्षीर टेस्टर को राष्ट्र को समर्पित किया था। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डॉ पंचारिया द्वारा विकसित क्षीर स्कैनर और क्षीर टेस्टर की प्रशंसा की है।
पुरस्कार व सम्मान
आपको वर्ष 2000-2002 में इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन, ब्रेमेन विश्वविद्यालय, जर्मनी से इंडो-जर्मन हायर एजुकेशन एक्सचेंज फेलोशिप (DAAD) प्राप्त हुई है। आपको दिसंबर 2004 में लेटरल कंप्यूटिंग पर बेंगलुरु में आयोजित वर्ल्ड कांग्रेस में बेस्ट पेपर अवार्ड से सम्मानित किया गया। दूध में मिलावट का पता लगाने वाली संसूचन प्रणाली का विकास करने के लिए आपको दिसंबर 2017 में प्रतिष्ठित स्कॉच गोल्ड अवार्ड भी प्रदान किया गया।
आप विज्ञान भारती, इंस्ट्रुमेन्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया और इंडियन डेयरी इंजीनियर्स ऐसोशिएशन के आजीवन सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त आप इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), आई ई टी ई तथा इंडियन मेट्रोलॉजी सोसाइटी के फेलो हैं। इसके साथ ही आप आई ई टी ई – इंस्ट्रुमेन्टेशन एंड मेज़रमेन्ट सोसाइटी और यूरोपियन फेडरेशन ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के भी सदस्य हैं।